2025-02-11 04:46
भजन: नारायण जिनके परिपालक - (राग: जगला ताल-३) नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥टेक॥
नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥
* प्रहलाद भक्त को डारा अगन में, रोम न एक जलाय सके रे ॥१॥
नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥
* गज को पकड़ ग्राह ने खेंचा, नहीं जल बीच डुबाय सके रे ॥२॥
नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥
* द्रुपसुता की बीच सभा के, रंचन लाज उठाय सके रे ॥३॥
नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥
*कंचन* जो हरि गुण गावे, सो निमेष पद पाय सके रे ॥४॥
नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥-----[३]
____________________________ ॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥
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Lable: ॥ श्री हरि भजन ॥ This Bhajan "नारायण जिनके परिपालक" Is Posted By Rajkumar Deshmukh (ADMiN) On 16-07-2017, SunDay. @ Morning 10:00 AM (IST)
_________________ This Shree Hari Bhajan Is Also Available On SHREE BRAHMAANAND BHAJANMALA Book In Page No. 18 @ Lesson No. 03.
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