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2024-05-16 11:40!! श्री हरि भजन !!

भजन: नारायण जिनके परिपालक - (राग: जगला ताल-३)
नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥टेक॥

नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥

* प्रहलाद भक्त को डारा अगन में, रोम न एक जलाय सके रे ॥१॥

नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥

* गज को पकड़ ग्राह ने खेंचा,
नहीं जल बीच डुबाय सके रे ॥२॥

नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥

* द्रुपसुता की बीच सभा के, रंचन लाज उठाय सके रे ॥३॥

नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥

*कंचन*जो हरि गुण गावे, सो निमेष पद पाय सके रे ॥४॥

नारायण जिनके परिपालक, तिनको कौन दुःखाय सके रे ॥-----[३]

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॥ समाप्त ॥
॥ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय ॥
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Lable:
॥ श्री हरि भजन ॥
This Bhajan "नारायण जिनके परिपालक" Is Posted ByRajkumar Deshmukh (ADMiN)On 16-07-2017, SunDay. @ Morning 10:00 AM (IST)
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This Shree Hari Bhajan Is Also Available OnSHREE BRAHMAANAND BHAJANMALABook In Page No. 18 @ Lesson No. 03.
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